भारत में कोरोना वायरस की वापसी ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों में कोविड मामलों में तेजी के बाद अब भारत में भी नए केस सामने आने लगे हैं। मुंबई में एक ही दिन में 53 नए मरीज मिले हैं, जो 2020 की स्थिति की याद दिलाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि SARS-CoV-2 वायरस का कोई नया रूप इसका कारण हो सकता है, जो तेजी से फैलता है लेकिन फिलहाल इसकी गंभीरता कम है। भारत सरकार ने तुरंत समीक्षा बैठक की और स्थिति को नियंत्रण में बताया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत की विशाल जनसंख्या को देखते हुए मरीजों की संख्या अभी कम है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, ग
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शिक्षकों ने गरीब लड़की की शादी के लिए की मदद
कानपुर देहात के संदलपुर ब्लॉक के शिक्षकों ने समाज सेवा की एक अद्वितीय मिसाल पेश की है, जो मानवता और शिक्षक धर्म की सच्ची पहचान है। गांव में एक बेहद गरीब परिवार की बेटी की शादी तय थी, लेकिन परिवार के पास इतने साधन नहीं थे कि वे शादी के लिए आवश्यक सामान या खर्च वहन कर सकें। जब यह बात गांव के शिक्षकों को पता चली, तो उन्होंने बिना किसी सरकारी सहायता के, अपने व्यक्तिगत स्तर पर इस परिवार की मदद करने का निश्चय किया। उन्होंने मिलकर गृहस्थी का लगभग पूरा सामान – जैसे बर्तन, गद्दा, पंखा, अलमारी, चादर, तकिया, कूलर, सिलेंडर आदि इकट्ठा किया और परिवार को सौंपा,
कानपुर देहात के संदलपुर ब्लॉक के शिक्षकों ने समाज सेवा की एक अद्वितीय मिसाल पेश की है, जो मानवता और शिक्षक धर्म की सच्ची पहचान है। गांव में एक बेहद गरीब परिवार की बेटी की शादी तय थी, लेकिन परिवार के पास इतने साधन नहीं थे कि वे शादी के लिए आवश्यक सामान या खर्च वहन कर सकें। जब यह बात गांव के शिक्षकों को पता चली, तो उन्होंने बिना किसी सरकारी सहायता के, अपने व्यक्तिगत स्तर पर इस परिवार की मदद करने का निश्चय किया। उन्होंने मिलकर गृहस्थी का लगभग पूरा सामान – जैसे बर्तन, गद्दा, पंखा, अलमारी, चादर, तकिया, कूलर, सिलेंडर आदि इकट्ठा किया और परिवार को सौंपा,
शिक्षक: सिर्फ पढ़ाते नहीं, जीना सिखाते हैं, हर मुश्किल राह में बनते हैं साहस” शीर्षक के साथ कानपुर देहात के शिक्षकों की भूमिका को विशेष रूप से दर्शाता है। इसमें बताया गया है कि शिक्षक केवल किताबों तक सीमित नहीं होते, वे समाज के मार्गदर्शक, संस्कारों के संरक्षक और भावी पीढ़ी के शिल्पकार होते हैं। शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन को संवारने, उन्हें आत्मविश्वास देने, सही दिशा दिखाने और समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनाने का कार्य करते हैं। यह लेख शिक्षक दिवस जैसे अवसरों की गरिमा को और गहरा करता है, क्योंकि इसमें शिक्षक की भूमिका को कक्षा से बाहर लाकर समाज निर्माण तक जोड़ा गया है।
समाचार में कुछ शि
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TSCT (Teachers Social Contribution Team) ने आजमगढ़ के मझरिया गाँव में रहने वाले दिवंगत शिक्षामित्र जोगेंद्र राजभर के परिवार की मदद के लिए एक खास पहल की है। यह परिवार आज भी कच्चे छप्पर के नीचे रह रहा है। TSCT अब उन्हें पक्की छत देने जा रहा है ताकि वे सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें। साथ ही परिवार को रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। यह एक मानवीय और संवेदनशील पहल है, जिसमें सभी शिक्षक साथियों की भागीदारी से एक ज़िंदगी बदलेगी।
TSCT हर शिक्षक से 300-310 रुपये का सहयोग मांग रहा है, जो किसी के जीवन में बड़ी राहत बन सकता है। यह सिर्फ ईंट-पत्थर की छत नहीं, बल्कि सुरक्षा,
TSCT हर शिक्षक से 300-310 रुपये का सहयोग मांग रहा है, जो किसी के जीवन में बड़ी राहत बन सकता है। यह सिर्फ ईंट-पत्थर की छत नहीं, बल्कि सुरक्षा,